हरियाणा में मिला दिल्ली के एसीपी के बेटे का शव, जानिए पूरा मामला
सत्य खबर, पानीपत ।
पानीपत में दिल्ली के असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (एसीपी ) के लापता वकील बेटे लक्ष्य चौहान का शव 5 दिन बाद नहर से बरामद हो गया है। आरोपी की निशानदेही पर दिल्ली समेत अन्य गोताखोरों की टीमें पानीपत से गुजर रही मूनक नहर में लगातार सर्च कर रही थी। रविवार शाम को लक्ष्य का शव पानीपत के समालखा कस्बे के पास से नहर में मिला।
शव को पुलिस और परिजन दिल्ली ही ले गए। वहीं, दिल्ली पुलिस ने वारदात के बाद से फरार चल रहे मुख्य आरोपी विकास भारद्वाज को भी गिरफ्तार कर लिया है। शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने उधार में लिए पैसे वापस नहीं करने पर हत्या की बात कबूल की है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मुख्य आरोपी से पूछताछ कर घटना की कड़ियों को जोड़ा जा रहा है। इस मामले में एक आरोपी अभिषेक को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी। पुलिस ने उसे तीन दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ की।
खुलासा किया कि उसका दोस्त विकास भारद्वाज तीस हजारी कोर्ट में एक वकील का मुंशी है। विकास ने उसे बताया था कि तीस हजारी कोर्ट में वकालत करने वाले लक्ष्य ने उससे रुपए उधार लिए थे। रुपए वापस मांगने पर वह उसके साथ दुर्व्यवहार करता था। उसके बाद उन लोगों ने लक्ष्य की हत्या की योजना बनाई।
जानकारी के मुताबिक, लक्ष्य चौहान 23 जनवरी को अपने दोस्तों के साथ एक शादी की पार्टी में गया था। ये शादी हरियाणा के रोहतक में थी। शादी में जाने के लिए घर से निकला लक्ष्य वापस घर नहीं लौट पाया। जिसके बाद उसके एसीपी पिता यशपाल सिंह चौहान ने दिल्ली के समयपुर बादली थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
यशपाल सिंह महिंद्रा पार्क में परिवार के साथ रहते हैं। उनका बेटा लक्ष्य चौहान तीस हजारी कोर्ट में वकील है। वह 22 जनवरी की शाम अपनी ईको स्पोर्ट्स कार से विकास और अभिषेक के साथ एक दोस्त की शादी समारोह में शामिल होने के लिए हरियाणा के रोहतक गया था।
नरेला निवासी दोस्त विकास तीस हजारी कोर्ट में मुंशी है और अभिषेक की अपनी दुकान है। लक्ष्य का मोबाइल फोन बंद होने पर 23 जनवरी को परिजनों ने उनकी खोजबीन शुरू की। पुलिस ने अभिषेक को हिरासत में लिया, जिसने बताया कि शादी समारोह में लक्ष्य का कुछ दोस्तों के साथ झगड़ा हो गया था। जिस पर वे उसे जबरन कार में बैठाकर पानीपत लेकर पहुंचे और 23 जनवरी की सुबह करीब 8:30 बजे जाटल रोड शनि मंदिर के पास नहर में फेंक दिया था।